The Basic Principles Of shiv chalisa lyrics in punjabi

Wiki Article

अंग गौर शिर गंग बहाये । मुण्डमाल तन छार लगाये ॥

अर्थ: हे भगवन, देवताओं ने जब भी आपको पुकारा है, तुरंत आपने उनके दुखों का निवारण किया। तारक जैसे राक्षस के उत्पात से परेशान देवताओं ने जब आपकी शरण ली, आपकी गुहार लगाई।

Devotees who chant these verses with intense really like come to be prosperous with the grace of Lord Shiva. Even the childless wishing to obtain children, have their wants fulfilled right after partaking of Shiva-prasad with religion and devotion.

जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव…॥

देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥

जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥

इनमें से सोमवार को भगवान शिव की पूजा में क्या चढ़ाना शुभ होता है?

सब पर राम तपस्वी राजा। तिन के काज सकल तुम साजा।।

जय गणपति सदगुण सदन, कविवर बदन कृपाल। विघ्न हरण मंगल करण, जय जय गिरिजालाल॥

पुत्र हीन कर इच्छा कोई । निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई ॥

भक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »इस चालीसा को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें

अर्थ: जो कोई भी धूप, दीप, नैवेद्य चढाकर get more info भगवान शंकर के सामने इस पाठ को सुनाता है, भगवान भोलेनाथ उसके जन्म-जन्मांतर के पापों का नाश करते हैं। अंतकाल में भगवान शिव के धाम शिवपुर अर्थात स्वर्ग की प्राप्ति होती है, उसे मोक्ष मिलता है। अयोध्यादास को प्रभु आपकी आस है, आप तो सबकुछ जानते हैं, इसलिए हमारे सारे दुख दूर करो भगवन।

जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल। दीनन के दुख दूर करि...

पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥

Report this wiki page